सोमवार, १३ मे, २०१९

हमसफर

दिन तो ढल जाता है
दोस्तो रात कैसे बिताऊ
जिंदगी की कश्मकश यह
किस किस को समझाऊ

तन्हा चल पडा हू
शायद राहे रास्ता बता दे
जिंदगी के सफर मे
शायद हमसफर को मिला दे

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