तुम हो बेटी, तुम ही हो बहन
सदा तुम पर रहे खुदा का रहम
तुम हो प्रियतमा, तुम ही हो पत्नी
तुम जो साथ हो, तो जीतु दुनिया सारी
सृष्टी की रचयिता, तुम ही हो माता
तेरे चरणों मे अर्पन है, मेरा जीवन सारा
अटल भी तुम, अचल भी तुम, चट्टान सी खडी
हर फर्ज निभाने मे हो तुम सबसे बडी
स्नेह और ममता से भरपूर यह जीवन
जो पा सके उसका जीवन हे पावन
हे औरत तेरे कितने रूप मै देखू
हर रूप मे एक नया एहसास मै पाउ
सदा तुम पर रहे खुदा का रहम
तुम हो प्रियतमा, तुम ही हो पत्नी
तुम जो साथ हो, तो जीतु दुनिया सारी
सृष्टी की रचयिता, तुम ही हो माता
तेरे चरणों मे अर्पन है, मेरा जीवन सारा
अटल भी तुम, अचल भी तुम, चट्टान सी खडी
हर फर्ज निभाने मे हो तुम सबसे बडी
स्नेह और ममता से भरपूर यह जीवन
जो पा सके उसका जीवन हे पावन
हे औरत तेरे कितने रूप मै देखू
हर रूप मे एक नया एहसास मै पाउ
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