मंगळवार, २६ नोव्हेंबर, २०१९

महफ़िल

तेरी यादों की महफ़िल में,
दिल बेकाबू हो जाता है,
ना दिन का पता, ना रात की खबर,
यूंही भटकता रहता है

दर्द जो तुझको दिए,
आसुओं से बयान होते है,
खुशियों के हसीन पल,
चेहरे पे मुस्कान लाते है

तेरी हर एक अदा को यह दिल,
फिर से महसूस करना चाहता है,
अब यह मुमकिन नहीं,
दिल को समझाना पड़ता है

महफ़िल है ये, या है बवंडर,
दिल खींचता ही चला जाता है,
बेकरार दिल को काबू में लाना,
फिर बड़ा मुश्किल होता है

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